मुंबई । साउथ के करुणानिधि ने अपने सियासी सफर से पहले अपनी सोच को आम जनता तक पहुंचाने के लिए फिल्म जगत का सहारा लिया था। राजनीति में एक मुकाम छूने वाले इस दिग्गज नेता ने जहां कई बड़े राजनेताओं को तैयार किया, वहीं उन्होंने अपनी फिल्मों के जरिए कई सुपर स्टार को भी जन्म लेने का प्लेटफार्म दिया। इनकी फिल्मों के नायक बनकर जहां कई अभिनेता साउथ के सुपर स्टार हो गए, वहीं इन फिल्मों ने करुणानिधि का कद भी दिनों दिन ऊंचा कर दिया था। अपनी कहानियों के साथ करुणानिधि ने भी लोगों के दिलों- दिमाग पर राज किया।
अपनी शुरुआती फिल्मी करियर के दौरान करुणानिधि ने साउथ में एक समय महज अभिनेता तक सीमित एमजी रामचंद्रन को कई बार मौका दिया। शुरुआत की उनकी फिल्मों में रामचंद्रन ही अभिनेता होते थे। हालांकि करुणानिधि के चढ़ते सूरज के साथ रामचंद्रन का कद भी बढ़ता गया, न केवल फिल्म इंडस्ट्री में बल्कि दक्षिण की सियासी जमीन पर भी रामचंद्रन एक दिग्गज साबित हुए। एक समय ऐसा आया कि एमजीआर सियासी जमीन खोजते खोजते करुणानिधि के ही बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बन गए। करुणानिधि की शुरुआती अधिकांश फिल्मों में बतौर अभिनेता बने रहे और काफी सफलताएं भी अर्जित की। करुणानिधि की सबसे विवादास्पद फिल्म पराशक्ति में अभिनय किया था। बस फिर क्या था, इसके बाद शिवाजी गणेशन दिनों दिन बुलंदी छूते गए। रामचंद्रन के बाद गणेशन उनकी अधिकांश फिल्मों के नायक होते थे।
कहा ये भी जाता है कि साउथ के सिनेमा के कई अभिनेताओं – अभिनेत्रियों को करुणानिधि ने अपनी फिल्मी कहानियों का पात्र बनाकर स्टार बना दिया। इसी क्रम में एक नाम आता है दिग्गज अभिनेत्री पद्मिनी का। वे करुणानिधि की फिल्म Pudhaiyal, Arasilangkumari राजा रानी, पनम आदि फिल्मों में नजर आई हैं। कहा जाता है कि अपने शुरुआति दिनों में करुणानिधि अपनी सोच को फिल्मों के जरिए लोगों के बीच रखते थे। यह उनकी सोच को लोगों तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम था। उन्होंने अपनी कहानियों का पात्र जिसे चुन लिया उनमें से कई स्टार और सुपरस्टार हो गए। इसी क्रम में करुणानिधि की फिल्मों का हिस्सा बनकर एसएस राजेंद्रन, भानूमति रामाकृष्णा, सीआर विजयाकुमारी, प्रभु, शिवकुमार जैसे कलाकार भी दक्षिण की फिल्म इंडस्ट्री में छा गए।